Skip to main content

Ek sher

तोड़ दो मुझे, टूट के भी नहीं मानूंगा तेरी खुदाई
चल दिए हो मोड़ के मुहं, नहीं बर्दाश्त तेरी जुदाई
कुछ इस तरह से अब ठान लिया है, कि इंतज़ार रहेगा
उस जनम का, जब हम खुदा, तुम सनम पेश आओगे

Comments