Six Sher September 18, 2008 मेरे दर्द पे वाह-वाह करते हैं वोह लगता था कि उसके आने से सब्र टूटेगा बस कुछ न, कम से कम एक दम देखेंगा सही, लेकिन बदला ना, दगाबाज़ निकला Read more
Paanch Sher September 18, 2008 अब और दर्द कि दुआ करूँ, जिस्म-ऐ-जूनून में है वहीँ रहे होश भी ना आए इस ख़याल से, ले चल जहाँ तू मिल जाए मुझे Read more
chaar sher September 18, 2008 इतना चाहा ना करो, कि परेशान रहो तुम्हारे आगोश में नहीं गुज़र अपना उसने बनाया है, चाहा भी होगा, अपने हाथों में लेकर, दर्द-ओ-दवा भी देगा Read more
teen sher September 18, 2008 सिखाया ही नहीं किताबों ने कभी, कि कैसे निकलते हैं इस जलवे से जालिम बस कहते रहे कि बच के रहो, दूर रहो, और उस्सी किताब में लिखा किसा लैला-मजनू का Read more
do sher September 18, 2008 दर्द लिख देता हूँ स्याही से अब तक ना ठीक ना खतम ही हुआ बहुत परेशान रहे हो तुम, कि बिना नागा भरते दवात बस इतनी कि ना दुबूँ मैं और ना ही साँस ले सकूँ Read more
Ek sher September 18, 2008 तोड़ दो मुझे, टूट के भी नहीं मानूंगा तेरी खुदाई चल दिए हो मोड़ के मुहं, नहीं बर्दाश्त तेरी जुदाई कुछ इस तरह से अब ठान लिया है, कि इंतज़ार रहेगा उस जनम का, जब हम खुदा, तुम सनम पेश आओगे Read more