तू एक हँसी ख्वाब बन के रह जा तुम एक ख्वाब ही तो हो आती हो चली जाती हो कभी कभी एक आह सी छोड़ जाती हो भारी सी इस ज़िंदगी को वीरान कर जाती हो तू एक हँसी ख्वाब बन के रह जा इन पेडों की पत्तियों की सर-सराहट में हँसी चांदनी में एक दर्द जगाती हो सपना देखता हूँ एक दूधिया सफ़ेद पहाड़ का, और सब तरफ़ अशार ही अशार नज़र आते हैं इस स्याही से तुम्हारे बदन पर अपने निशां छोड़ जाऊं और अपने शब्द तुम्हे उडहा के, करूं विदा तू एक हँसी ख्वाब बन के रह जा सात घंटे बीते हैं तुम्हे गए हुए कुछ दो घंटे और दे गयी हो मुझे कुछ पल उजड़े से यहीं पड़े हैं और एक वह जो मैंने मुट्ठी में जकडा हुआ है तू एक हँसी ख्वाब बन के रह जा आज अकेले बैठे ही अनायास ही तुम याद आए सब तरफ़ एक हँसी खुशबू सी थी लगा तुम यहिओं कहीं हो, और आंसू उमड़ आए इतना प्यार न करो मुझसे, कि सह न सकूंगा, और 'गर करो तो रखना विश्वास और मत गिनना यह पल तू एक हँसी ख्वाब बन के रह जा यह समय तुम्हारे लिए, मेरे लिए, अकेलेपन में बिताये हुए पल, वक्त के खंडहर में, कुछ उजड़े साल, पुकारते हैं तुम्हे, तुम्हारे एहसास को आतुर, और अब बीत रहे हैं, कि कल कुछ न रहेगा तुम मेरे पल ले ल...
formulating infinity within zero